भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों का भरोसा, 8 महीने में 5 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीदारी
विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बावजूद भारतीय शेयर बाजार में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2025 के शुरुआती 8 महीनों में 5.13 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों का भरोसा, 8 महीने में 5 लाख करोड़ की रिकॉर्ड खरीदारी
नई दिल्ली। दुनियाभर के शेयर बाजारों में भले ही उथल-पुथल का माहौल बना हुआ हो, लेकिन भारतीय शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों ने ऐसा भरोसा जताया है, जिसकी मिसाल पहले कभी नहीं देखी गई। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, साल 2025 के शुरुआती 8 महीनों में ही घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रिकॉर्ड खरीदारी की है।
आंकड़ों के मुताबिक, म्यूचुअल फंड, बैंक, बीमा कंपनियां और अन्य घरेलू संस्थागत निवेशकों ने अब तक 5.13 लाख करोड़ रुपये की हिस्सेदारी खरीदी है। यह लगातार दूसरा साल है जब घरेलू निवेशकों ने 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। पिछले साल यानी 2024 में यह आंकड़ा 5.25 लाख करोड़ रुपये था, जबकि 2023 में मात्र 1.81 लाख करोड़ और 2022 में 2.76 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
📉 विदेशी निवेशकों की बिकवाली
एक ओर जहां घरेलू निवेशक भरोसे के साथ बाजार में ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहे हैं, वहीं विदेशी निवेशकों (FIIs) ने जमकर बिकवाली की है। 2024 में विदेशी निवेशकों ने कुल 1.21 लाख करोड़ रुपये बाजार से निकाले थे। वहीं 2025 में अब तक 1.6 लाख करोड़ रुपये की निकासी हो चुकी है। विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू निवेशकों का विश्वास ही बाजार को स्थिर बनाए रखे हुए है, जबकि कई बड़े प्रमोटर्स ने अपनी हिस्सेदारी घटाकर मुनाफा कमाया है।
कंपनियों के स्टॉक्स में क्यों नहीं दिखी तेजी?
दिलचस्प बात यह है कि इतनी बड़ी खरीदारी के बावजूद कंपनियों के स्टॉक्स में उम्मीद के मुताबिक तेजी नहीं आई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, BSE500 पर लिस्टेड कंपनियों में से सिर्फ 30% कंपनियों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि 70% कंपनियों के शेयर अभी भी नीचे ही ट्रेड कर रहे हैं।
इसका साफ संकेत है कि केवल लिक्विडिटी (Liquidity) बढ़ने से शेयर बाजार में हर कंपनी के स्टॉक्स को रफ्तार नहीं मिलती। निवेशकों को अब भी सही कंपनियों और सेक्टर को चुनकर रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली के बीच घरेलू निवेशकों का भरोसा भारतीय शेयर बाजार को स्थिरता दे रहा है। हालांकि, निवेशकों के लिए यह समझना जरूरी है कि केवल निवेश की मात्रा से ही कंपनियों के शेयरों में तेजी नहीं आती। आने वाले समय में बाजार की दिशा वैश्विक आर्थिक हालात और घरेलू नीतियों पर निर्भर करेगी।
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