Rajasthan: ‘बहरी सरकार को सुनाने को लिए तेज बोल रहा हूं’, जूली ने कसा तंज; हंगामे के बीच ये 3 बिल पारित

Rajasthan Assembly Monsoon Session: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को भारी बारिश से फसलों के नुकसान का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए जमकर हंगामा किया।

Sep 4, 2025 - 18:01
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Rajasthan: ‘बहरी सरकार को सुनाने को लिए तेज बोल रहा हूं’, जूली ने कसा तंज; हंगामे के बीच ये 3 बिल पारित

Rajasthan Assembly Monsoon Session: राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को भारी बारिश से फसलों के नुकसान का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस विधायकों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए जमकर हंगामा किया। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों और किसानों को मुआवजे की मांग को लेकर सरकार पर लापरवाही का आरोप

लगाया।इस बीच, विधानसभा में हंगामे के दौरान ही तीन बिल पारित हो गए। वहीं, विधानसभा की कार्यवाही भी केवल 33 मिनट चलने के बाद 8 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई।

किसानों के लिए मुआवजे की मांग

इससे पहले शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने भारी बारिश से फसलों को हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। कांग्रेस विधायक अमित चाचाण और नरेंद्र बुडानिया ने कहा कि अतिवृष्टि ने किसानों की स्थिति दयनीय कर दी है। लाखों एकड़ में पकी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन सरकार ने इसकी सुध नहीं ली। बुडानिया ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार हेलिकॉप्टर में घूम रही है, लेकिन किसानों की सुध लेने का वक्त नहीं है। उन्होंने तत्काल मुआवजे की मांग की।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि किसानों की दो-दो बार फसलें खराब हो चुकी हैं, लेकिन गिरदावरी के आदेश तक नहीं दिए गए। मुख्यमंत्री सदन में आए, लेकिन कोई घोषणा किए बिना चले गए। आपदा राहत मंत्री को बेड़ियों में बांध रखा है। भिवाड़ी और कई इलाके पानी में डूबे हैं, लेकिन सरकार को कोई चिंता नहीं जूली ने जोर देकर कहा कि वह किसानों की आवाज को बहरी सरकार तक पहुंचाने के लिए जोर-जोर से बोल रहे हैं।

आपदा राहत मंत्री का जवाब

आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार हर पीड़ित को मुआवजा देगी। उन्होंने बताया कि स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड (SDRF) के नियमों के तहत सर्वे का काम चल रहा है। मीणा ने कहा कि 1 अगस्त से गिरदावरी शुरू हो चुकी है। 22 जिलों में असामान्य बारिश, 16 जिलों में अतिरिक्त बारिश, और तीन जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई।

उ्होंने बताया कि भारी बारिश से 193 लोगों की मौत हुई, 36 घायल हुए, और 347 छोटे व 279 बड़े पशु मारे गए। 1974 पक्के मकान, 752 कच्चे मकान और 190 झोपड़े ढह गए। 3522 परिवारों के बर्तन और 2855 परिवारों के कपड़े बर्बाद हुए। उन्होंने बताया कि 26 मृतकों के आश्रितों को 1.04 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा जा चुका है।

वेल में नारेबाजी, स्पीकर से नोकझोंक

दोपहर 2 बजे कार्यवाही फिर शुरू होने पर कांग्रेस विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। स्पीकर ने शांत रहने को कहा, लेकिन विधायकों ने नारेबाजी जारी रखी। स्पीकर ने सख्त लहजे में कहा कि मैंने मंत्री से जवाब दिलवाया, लेकिन आपने सुना नहीं। वेल में आकर मिसबिहेव करना बर्दाश्त नहीं करूंगा।

हंगामे के बीच तीन बिल पारित

हंगामे के बावजूद विधानसभा में तीन बिल पारित किए गए। राजस्थान माल और सेवा कर (GST) द्वितीय संशोधन विधेयक-2025, कारखाना राजस्थान संशोधन विधेयक-2025 और बुधवार को कोचिंग रेगुलेशन विधेयक-2025 पारित किया गया। गुरुवार को कार्यवाही केवल 33 मिनट तक चली, जिसके बाद इसे 8 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने किसानों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर अपना विरोध जारी रखा। इससे पहले आज सुबह मुआवजे की मांग को लेकर विधानसभा परिसर में कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान टीकाराम जूली ट्रैक्टर चलाकर विधानसभा के वेस्टर्न गेट पर पहुंचे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने ट्रैक्टर को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया।

कोचिंग बिल भी हुथा पारित

गौरतलब है कि विधानसभा के मानसून सत्र में बुधवार को बहस और हंगामे के बीच राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट कंट्रोल्ड एंड रेगुलेशन बिल 2025 को पारित कर दिया गया। यह विधेयक कोचिंग संस्थानों के संचालन को नियंत्रित करने और छात्रों के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से लाया गया है।

खासकर कोटा जैसे शहरों में कोचिंग संस्थानों की मनमानी और छात्रों पर बढ़ते दबाव को देखते हुए इस बिल को लागू करने की मांग लंबे समय से थी। इस विधेयक में कई सख्त प्रावधान शामिल किए गए हैं, जिनमें रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता, फीस वापसी, जुर्माना, और संपत्ति जब्ती जैसे कदम शामिल हैं।

इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए एक प्राधिकरण और जिला स्तर पर समितियों का गठन भी किया जाएगा। आइए, इस बिल के सभी प्रावधानों, जुर्माने की राशि और निगरानी तंत्र की विस्तृत जानकारी को समझते हैं।

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