Friday, February 7, 2025
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टैंकर ब्लास्ट में अब तक 14 की मौत…आज सुबह हुआ दूसरा टैंकर हादसा, देखे खबर

टैंकर ब्लास्ट में अब तक 14 की मौत…आज सुबह हुआ दूसरा टैंकर हादसा, देखे खबर

बीकानेर न्यूज़। (डिगेश्वर सेन बापेऊ) जयपुर में हुए भयानक टैंकर ब्लास्ट ने 14 जिंदगियां छीन लीं और 32 लोगों को अस्पताल के आईसीयू में पहुंचा दिया है, जहां हर कोना दर्द और पीड़ा से भरा हुआ है। इस हादसे ने शहर को हिलाकर रख दिया है, जबकि डॉक्टरों की टीम पूरी लगन से घायल मरीजों को बचाने में जुटी हुई है। वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझते मरीजों और उनके परिजनों के आंसू इस त्रासदी की भयावहता को बयान करते हैं। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट जल्द ही अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जानेंगे, लेकिन यह सवाल अब भी बाकी है—क्या इस हादसे से हुए दर्द और नुकसान की भरपाई कभी हो पाएगी?

सुबह का दूसरा टैंकर हादसा: सौभाग्य से बची जानें

शनिवार सुबह जयपुर के जेएलएन मार्ग पर एक और टैंकर हादसे ने शहर का ध्यान खींचा, जब एक टैंकर ने एक पिकअप वाहन को टक्कर मार दी। इस टक्कर से पिकअप पलट गई, लेकिन राहत की बात यह रही कि इस दुर्घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। हालांकि, सड़क पर गाजर का बड़ा जखीरा बिखर गया, जिससे कुछ समय के लिए यातायात बाधित हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और गाजर को हटवाकर मार्ग को फिर से चालू किया। समय पर कार्रवाई ने एक बड़ी समस्या को टाल दिया।

SMS अस्पताल: जिंदगियों की जंग और दर्दनाक हकीकत

जयपुर के SMS अस्पताल के बर्न वॉर्ड में LPG टैंकर हादसे के पीड़ितों की सूची ने स्थिति की भयावहता को उजागर कर दिया है। अस्पताल प्रशासन ने अब तक 14 मृतकों की पुष्टि की है, जिसमें SMS अस्पताल में 8, जयपुरिया अस्पताल में 1 और अन्य 5 शव शामिल हैं। घायलों में केवल दो ऐसे हैं जो 60% से अधिक जल चुके हैं, जबकि शेष पीड़ित 45% से कम जले हुए हैं। डॉक्टरों की टीम हरसंभव प्रयास कर रही है कि अधिक से अधिक जिंदगियां बचाई जा सकें। बर्न वॉर्ड में दर्द और संघर्ष का मंजर हर व्यक्ति की जुझारू इच्छाशक्ति और चिकित्सा सेवाओं की कसौटी को दर्शा रहा है।

रिटायर्ड IAS अधिकारी की रहस्यमय गुमशुदगी: गाड़ी मौजूद, लेकिन अधिकारी लापता

भयानक हादसे में शामिल 37 वाहनों में से एक रिटायर्ड IAS अधिकारी की गाड़ी भी थी, लेकिन जब प्रशासन ने मौके पर जांच की, तो वह वहां मौजूद नहीं थे। घायलों की लिस्ट में उनका नाम भी नहीं था, जिससे उनकी गुमशुदगी का रहस्य और गहरा गया है। पुलिस का संदेह है कि कुछ लोग आग की तीव्रता के कारण अपने वाहनों से बाहर नहीं निकल पाए और अंदर ही झुलस गए। ऐसे घायलों के अवशेष पोटली में अस्पताल लाए गए हैं, जिनकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। प्रशासन और अधिकारी के परिजन उनकी तलाश में जुटे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है। इस रहस्यमय गुमशुदगी ने मामले को और जटिल बना दिया है।

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