SHRADH 2024: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से पितृ पक्ष शुरू होने जा रहा है। पितृ पक्ष 18 सितंबर, 2024 से शुरू होने जा रहा है और महालया या सर्व पितृ अमावस्या के साथ समाप्त होगा, जो 3 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। पितृ पक्ष पितृ या पूर्वजों और पूर्वजों के सम्मान के लिए समर्पित है। यह काल पितरों की पूजा के लिए सबसे पवित्र काल माना जाता है।
SHRADH 2024 : तिथि और समय
- प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ- 18 सितंबर 2024 प्रातः 08:04 बजे
- प्रतिपदा तिथि समाप्त – 19 सितंबर 2024 को प्रातः 04:19 बजे
- कुतुप मुहूर्त- सुबह 11:16 बजे से दोपहर 12:05 बजे तक
- रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12:05 बजे से. दोपहर 12:54 बजे
- अपरान्ह काल- दोपहर 12:54 बजे से 03:20 बजे तक
S 2024: जानिए महत्व
पितृ पक्ष को सबसे पवित्र और पवित्र अवधि माना जाता है जब लोग अपने पूर्वजों की अत्यधिक श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है जब लोग अपने मृत प्रिय परिवार के सदस्यों के लिए प्रार्थना करते हैं।
वे पुरुष और महिला ब्राह्मणों को घर पर आमंत्रित करते हैं और उन्हें सात्विक भोजन और कपड़े देते हैं लेकिन लोगों को इस पूरी अवधि के दौरान पवित्रता बनाए रखनी होती है।
उन्हें ऐसी गतिविधियों को शुद्ध भावनाओं और सच्चे इरादों के साथ करने की सलाह दी जाती है। जो लोग किसी पितृ दोष से गुजर रहे हैं, उनके लिए पितृ दोष पूजा करके ऐसे दोषों से राहत पाने के लिए यह समय उत्तम है। बिहार में गया सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है, जहाँ आप पितृ दोष पूजा कर सकते हैं।
श्राद्ध 2024 की सभी प्रमुख तिथियां और तारीख
- प्रोषठपदी\ पूर्णिमा का श्राद्ध : 17 सितंबर मंगलवार
- प्रतिपदा का श्राद्ध : 18 सितंबर बुधवार
- द्वितीया का श्राद्ध : 19 सितंबर गुरुवार
- तृतीतया का श्राद्ध : 20 सितंबर शु्क्रवार
- चतुर्थी का श्राद्ध : 21 सितंबर शनिवार
- पंचमी का श्राद्ध : 22 सितंबर रविवार
- षष्ठी का श्राद्ध और सप्तमी का श्राद्ध : 23 सितंबर सोमवार
- अष्टमी का श्राद्ध : 24 सितंबर मंगलवार
- नवमी का श्राद्ध : 25 सितंबर बुधवार
- दशमी का श्राद्ध : 26 सितंबर गुरुवार
- एकादशी का श्राद्ध : 27 सितंबर शुक्रवार
- द्वादशी का श्राद्ध : 29 सितंबर रविवार
- त्रयोदशी का श्राद्ध : 30 सितंबर सोमवार
- चतुर्दशी का श्राद्ध : 1 अक्टूबर मंगलवार
- सर्व पितृ अमावस्या : 2 अक्टूबर बुधवार