Hindi Diwas 2024: आखिर क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस और क्या है इसे मनाने का मकसद
Hindi Diwas 2024: हर साल 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस (Hindi Diwas), भारत की करोड़ों की आबादी को जोड़ने वाली भाषा के प्रति सम्मान और गर्व का प्रतीक है। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत और एकता का प्रतीक भी है। इसलिए हिंदी दिवस का एक खास महत्व (Hindi Diwas Significance/ History) है और इसे मनाने (Hindi Diwas Celebrations) के पीछे का उद्देश्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
हिंदी की समृद्धि
हिंदी भाषा संस्कृत से उत्पन्न हुई है और इसकी लिपि देवनागरी है। यह भारत के कई राज्यों में बोली जाती है और इसका साहित्यिक इतिहास बहुत समृद्ध है। मुंशी प्रेमचंद, रवींद्रनाथ टैगोर, शरतचंद चट्टोपाध्याय, महादेवी वर्मा, रामधारी सिंह दिनकर और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे महान कवियों और साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य को विश्व स्तर पर ख्याति दिलाई है।
क्यों मनाया जाता है हिंदी दिवस?
- हिंदी बनी औपचारिक भाषा- 1949 में, 14 सितंबर के दिन भारत की संविधान सभा ने हिंदी को भारत की औपचारिक भाषा का दर्जा दिया था।
- प्रधानमंत्री नेहरू ने दिया ये नाम- हमारे पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार- इस दिन का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देना और लोगों को हिंदी के महत्व के बारे में जागरूक करना है।
- युवाओं में हिंदी का प्रचार- युवाओं में हिंदी के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
हिंदी दिवस के अवसर पर हम सभी को हिंदी भाषा के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करना चाहिए। हम सभी को हिंदी में लिखना, पढ़ना और बोलना चाहिए। साथ ही, हमें युवा पीढ़ी को हिंदी भाषा के महत्व के बारे में बताना चाहिए। इसलिए इस दिन स्कूलों में हिंदी भाषा के महत्व को बताते हुए पोस्टर बनाने, नाटक, निबंध लेखने जैसे कई कार्यक्रम किए जाते हैं।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य भी बच्चों को हिंदी के महत्व के बारे में बताना है। हिंदी दिवस हमें हिंदी भाषा के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और इसे संरक्षित करने का अवसर प्रदान करता है।