Arvind kejriwal : दिल्ली शराब घोटाला केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल गई है. आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई केस में सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को जमानत दी. अरविंद केजरीवाल आज ही तिहाड़ जेल से बाहर आ जाएंगे. वह बीते 177 दिनों से जेल में बंद रहे हैं. अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने में सिंघवी की दलीलें काम कर गईं. अरविंद केजरीवाल ने जमानत के साथ-साथ अपनी गिरफ्तारी को भी चुनौती दी थी. अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला से जुड़े ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच यह फैसला दिया.. दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों फैसला सुरक्षित रख लिया था. तो चलिए जानते हैं अरविंद केजरीवाल की जमानत पर आज क्या-क्या हो रहा.
Arvind Kejriwal : केजरीवाल को मिली जमानत तो गदगद हुईं सुनीता
अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलने पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) को बधाई दी और तिहाड़ जेल में बंद अन्य नेताओं की भी जल्द रिहाई की कामना की. केजरीवाल की पत्नी सुनीत केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘आप परिवार को बधाई! मजबूत बने रहने के लिए बधाई। हमारे अन्य नेताओं की भी जल्द रिहाई की कामना करती हूं.’ उच्चतम न्यायालय ने अरविंद केजरीवाल को 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर जमानत दी. न्यायालय ने केजरीवाल को मामले के संबंध में सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है.
Arvind Kejriwal : भाजपा के हजारों कुचक्र के बावजूद सच्चाई की जीत हुई : सिसोदिया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से आबकारी नीति मामले से जुड़े सीबीआई मामले में जमानत मिल गई. उनके शुक्रवार को जेल से बाहर आने की खबर है। जिसके बाद वह आम लोगों से संवाद करेंगे. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने खुशी जताई. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘एक बार फिर से साबित हो गया है कि अरविंद केजरीवाल जैसा सच्चा, ईमानदार, देशभक्त कर्मठ नेता इस देश में नहीं है. केजरीवाल जी को गिरफ्तार करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने हजारों कुचक्र और साजिशें रचीं. एक कट्टर ईमानदार, जनता के लिए काम करने वाले और जनता के दर्द को समझने वाले आदमी को जेल में डाल दिया गया. लोकतंत्र के इतिहास में इससे बड़ा पाप नहीं हुआ है.’