Bikaner। बीकानेर में मवेशी दुर्घटनाओं के कारण कई लोगों और जानवरों की मौत हो जाती है। हादसों की संख्या बढ़ने पर आवारा मवेशियों के लिए रेडीमेड बेल्ट बनाने का अभियान शुरू किया गया है।
कुछ समय पहले कई जिलों में आवारा मवेशियों और कुत्तों का आतंक देखने को मिला था। जिसमें आवारा मवेशियों के कारण कई लोगों की जान चली गई। मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, यह समस्या अभी भी कई क्षेत्रों में देखी जा रही है। इससे बचने के लिए बीकानेर में गाय प्रेमियों ने एक अनोखा तरीका अपनाया है।
गौरतलब है कि बीकानेर में गौ सेवक जगदीश कुमावत उर्फ जे डी भाई एवं गौ प्रेमी युवाओं के सहयोग से 2000 आवारा मवेशियों के गले में रेडीमेड बेल्ट बांधी गई। युवाओं द्वारा कुल 5000 गायों को बेल्ट से बांधने का संकल्प लिया गया है।
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बरसात की रात में, जब वाहनों की हेडलाइटें जलती हैं, तो वाहन चालक को एहसास होता है कि थोड़ी दूरी पर मवेशी बैठे हैं। ताकि, किसी दुर्घटना की स्थिति में आवारा पशुओं की जान बचाई जा सके साथ ही मवेशियों के साथ होने वाले दुर्घटना को होने से भी रोका जा सकता है। इस मानवीय अभियान में जगदीश कुमावत और 50 से अधिक गौ प्रेमी युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डाल दी। बीकानेर की सड़को पर रात को 2 बजे जाकर गायों के गले में रिफ्लेक्टर बेल्ट बांधते हैं।
अनुमान है कि रात के समय अधिक जानवर वाहनों की चपेट में आते हैं । इसलिए, परावर्तक बेल्ट अंधेरे में बहुत मददगार हो सकते हैं। यह रिफ्लेक्टिव बेल्ट रेडियम से बनी होती है जिससे रात के समय सड़क से गुजरने वाले वाहन सीधे दिखाई देते हैं।