जोधपुर के राई का बाग रेलवे स्टेशन के नाम सुधार को लेकर चल रही समाज की मांग को लेकर अब रेल मंत्रालय ने बड़ा निर्णय लिया है। अब जल्द ही स्टेशन का नाम में राई का बाग से राइका बाग किया जाएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसको लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी दी।
केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर की पोस्ट में जानकारी दी कि उनके अनुरोध पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे स्टेशन का नाम संशोधित कर मूल नाम राइका बाग किए जाने को स्वीकृति प्रदान की है। रेलवे रिकॉर्ड में वर्तनी की त्रुटि की वजह से इस जंक्शन का वास्तविक नाम परिवर्तित हो गया था। जिसके चलते राइका समाज की भावनाएं आहत होती रही। निश्चित ही संशोधन से केवल राईका समाज ही नहीं बल्कि स्थानीय निवासियों को भी पहचान से जुड़ी प्रसन्नता का अनुभव होगा। उन्होंने अश्विनी वैष्णव का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पोस्ट में इस संदर्भ में उनके द्वारा लिखे गए पत्र का भी जिक्र किया।
रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी
बता दें कि स्टेशन के नाम में संशोधन की मांग को लेकर रविवार को बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने पावटा से डीआरएम ऑफिस तक रैली भी निकाली थी। इसके बाद डीआरएम ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए रेल मंत्री का पुतला दहन भी किया था। समाज के लोगों ने कहा था कि यह समाज की अस्मिता से जुड़ा मुद्दा है जिस पर रेलवे समाज के लोगों की भावनाओं से खेल रहा है। समाज के लालसिंह राईका ने बताया कि इस मामले को लेकर समाज ने अगले 5 सितंबर से रेल रोको आंदोलन की घोषणा की थी।
रानी को बाग बनाने के लिए दी थी जमीन
इतिहास के बारे में जानकारी देते हुए समाज के लाल सिंह राईका ने बताया इस स्थान का इतिहास समाज के आसुराम राईका से जुड़ा हुआ है। जिन्होंने अपनी जमीन को रानी को बाग बनाने के लिए दिया था। इसके बाद रानी ने धर्म भाई बनाकर रानी ने उनसे बाग के लिए ये जमीन मांगी थी। तब आसुराम ने इस जगह का नाम राईका बाग रखने की मांग की थी। तब से इसे राईका बाग ही कहा जाने लगा।
केंद्र से प्रतिमा लगाने की मांग
समाज के लोगों ने स्टेशन का नाम बदलने के साथ ही केंद्र सरकार से रेलवे स्टेशन के बाहर आसुराम की प्रतिमा लगाने की मांग भी की थी। इसके साथ ही देवासी समाज के बारे में जानकारी देती पेंटिंग स्टेशन की दीवारों पर लगाने की मांग की।