बीकानेर। छत्तरगढ़ और खाजुवाला को अनूपगढ़ जिले में शामिल करने की संभावनाओं ने क्षेत्र के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस मामले को लेकर क्षेत्र के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने गहरी चिंता जताई है। खाजुवाला के विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने इस मुद्दे पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और अनूपगढ़ के लिए आई रिपोर्ट के संबंध में आईएएस अधिकारी ललित के. पवार से बात की। विधायक मेघवाल ने पवार से खाजुवाला और छत्तरगढ़ को बीकानेर जिले में ही बनाए रखने की मांग की। पवार ने इस मामले पर समीक्षा करने का आश्वासन दिया, लेकिन यह बयान क्षेत्र के लोगों में बेचैनी को कम करने में असमर्थ रहा है।
इलाके के निवासियों में यह आशंका फैल रही है कि यदि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो उन्हें एक बार फिर आंदोलन का सहारा लेना पड़ सकता है। पिछले आंदोलनों की यादें अभी भी ताजा हैं, जब लोगों ने अपने क्षेत्र को बीकानेर जिले में बनाए रखने के लिए जोरदार प्रदर्शन किए थे।
सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि जब क्षेत्र के सभी पक्ष इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से अपनी राय दे चुके हैं, तो बार-बार ऐसी स्थिति क्यों उत्पन्न की जाती है? यह स्थिति न केवल जनता के विश्वास को हिलाने वाली है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और विकास को भी बाधित कर सकती है।
वर्तमान में, इस मुद्दे पर राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के लोगों और नेताओं की मांग है कि सरकार जल्द ही इस पर स्पष्टता दे, ताकि क्षेत्र के विकास कार्य और जनजीवन सुचारू रूप से चल सके। यदि स्थिति को जल्द ही नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह संभावना बनी रहेगी कि क्षेत्र में एक बार फिर आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।