कृष्ण जन्माष्टमी के दिन क्या करें:
पूजा:जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। आप उनकी मूर्ति को स्नान कराएं, उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और उन्हें फल, फूल और मिठाई चढ़ाएं।
व्रत: कई लोग जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हैं। यह व्रत आमतौर पर मध्यरात्रि तक रखा जाता है, जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
भजन-कीर्तन: भगवान कृष्ण के भजन और कीर्तन गाना भी जन्माष्टमी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आप मंदिर में जा सकते हैं या घर पर ही भजन गा सकते हैं।
कथा सुनना: भगवान कृष्ण की लीलाओं की कथा सुनना भी जन्माष्टमी के दिन किया जाता है। यह हमें भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं के बारे में जानने का एक अच्छा मौका देता है।
दाना-पानी: गरीबों को भोजन और पानी देना भी जन्माष्टमी के दिन किया जाता है। यह मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होते हैं।
मंदिर जाना: जन्माष्टमी के दिन मंदिर जाकर भगवान कृष्ण के दर्शन करना भी शुभ माना जाता है।
कृष्ण लीलाएं: आप भगवान कृष्ण की लीलाओं को दर्शाती हुई झांकियां भी सजा सकते हैं।
जन्माष्टमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए:
गुस्सा करना: जन्माष्टमी के दिन गुस्सा करना वर्जित माना जाता है।
झूठ बोलना: झूठ बोलना भी जन्माष्टमी के दिन वर्जित माना जाता है।
मांसाहार: कई लोग जन्माष्टमी के दिन मांसाहार नहीं करते हैं।
शराब पीना: शराब पीना भी जन्माष्टमी के दिन वर्जित माना जाता है।
जन्माष्टमी का महत्व:
जन्माष्टमी का त्योहार हमें भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं को याद करने का एक अवसर देता है। भगवान कृष्ण ने हमें सत्य, अहिंसा और प्रेम का मार्ग दिखाया। जन्माष्टमी का त्योहार हमें इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
जन्माष्टमी से जुड़ी कथाएं
जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म से जुड़ा है और इस दिन कई रोचक और शिक्षाप्रद कथाएं सुनाई जाती हैं। आइए कुछ प्रसिद्ध कथाओं पर एक नज़र डालते हैं:
1. कृष्ण का जन्म:
* **कंस का अत्याचार:** भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा में कंस नामक राक्षस राजा के शासनकाल में हुआ था। कंस ने एक भविष्यवाणी के अनुसार अपने आठवें पुत्र से अपनी मृत्यु का भय खाया था।
* **योगमाया का चमत्कार:** भगवान विष्णु ने कंस के अत्याचार से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए योगमाया के माध्यम से देवकी के गर्भ से कृष्ण को निकालकर गोपियों के पास नंदगाँव भेज दिया।
* **मथुरा में लीलाएं:** कृष्ण ने अपने बचपन में मथुरा में कई लीलाएं कीं, जैसे कि कंस के अत्याचारों का अंत करना, पुटना और शकटासुर का वध करना।
2. गोवर्धन पर्वत उठाना:
* **इंद्र का प्रकोप:** जब इंद्र ने ब्रजवासियों पर प्रकोप दिखाया तो कृष्ण ने अपनी छोटी उंगली से गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी को बचाया।
* **प्रकृति का संरक्षण:** इस लीला के माध्यम से कृष्ण ने प्रकृति के महत्व और उसके संरक्षण की शिक्षा दी।
3. राधा और कृष्ण का प्रेम:
* **अखंड प्रेम:** राधा और कृष्ण का प्रेम अमर प्रेम का प्रतीक है। उनकी प्रेम कहानी हमें सच्चे प्रेम और समर्पण की शिक्षा देती है।
4. महाभारत युद्ध:
* **अर्जुन का सारथी:** कृष्ण ने महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी के रूप में भूमिका निभाई थी। उन्होंने गीता का उपदेश देकर अर्जुन को कर्मयोग का मार्ग दिखाया।
5. द्वारका का विनाश:
* **कर्म का फल:** कृष्ण के जाने के बाद द्वारका नगरी समुद्र में समा गई। यह कथा हमें बताती है कि हर कर्म का फल मिलता है।